जंगलों में घुसपैठ कर बना लिए खेत
और बस गए गाँव
मगर धीरे-धीरे
खेतों में फ़ैल रहा है शहर
शहरों में उग आये हैं कंक्रीट के कैक्टस
बड़ी तेजी से
मौका मिला तो
फिर से पैर पसार रहा है -
जंगल रिश्तों में पनप रहा है
चुपचाप
एक चक्र पूरा हुआ ...
very apt pushpendraji, chakra to pura hua aur insaan mar gaya, apney boye jangal mein.. beautiful words
ReplyDeleteजंगल रिश्तों में पनप रहा है
ReplyDelete......यही आज का सच है !