जाने क्या मालूमात करते हैं
सितारे कुछ तो बात करते हैं
हमें अपना वजूद जंचता है
ज़माने से जुदा सा लगता है
मगर औकात क्या है इंसा की
सितारे सब हिसाब करते हैं
सितारे कुछ तो बात करते हैं
आज हम किस मुकाम पर पहुंचे
ख़ास है या कि आम पर पहुंचे
मगर सबकी मदद सम्हलने में
बढ़ा के अपना हाथ करते हैं
सितारे कुछ तो बात करते हैं
राज कोई छुपा तो रक्खा है
मुकद्दर मेरा-तेरा लिक्खा है
उम्र की तख्तियां, कलम लम्हे
नसीबों को दवात करते हैं
सितारे कुछ तो बात करते हैं
जाने क्या मालूमात करते हैं
सितारे कुछ तो बात करते हैं
राज कोई छुपा तो रक्खा है
ReplyDeleteमुकद्दर मेरा-तेरा लिक्खा है
उम्र की तख्तियां, कलम लम्हे
नसीबों को दवात करते हैं
सितारे कुछ तो बात करते हैं
जाने क्या मालूमात करते हैं
सितारे कुछ तो बात करते हैं
bahut umda साहिल sahab....
उम्र की तख्तियां, कलम लम्हे
ReplyDeleteनसीबों को दवात करते हैं
vaah
हमें अपना वजूद जंचता है
ReplyDeleteज़माने से जुदा सा लगता है...
.....बहुत ख़ूब !!!
सराहने के लिए आप सभी का धन्यवाद ..!
ReplyDeleteसुंदर रचना के लिए आपको बधाई
ReplyDeleteसंजय कुमार
आदत.. मुस्कुराने की
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
Sitare sab hisab rakhte hain...
ReplyDeletegazab hai