Tuesday, 13 September 2011

सितारे कुछ तो बात करते हैं


जाने क्या मालूमात करते हैं
सितारे कुछ तो बात करते हैं

हमें अपना वजूद जंचता है
ज़माने से जुदा सा लगता है
मगर औकात क्या है इंसा की
सितारे सब हिसाब करते हैं
सितारे कुछ तो बात करते हैं

आज हम किस मुकाम पर पहुंचे
ख़ास है या कि आम पर पहुंचे
मगर सबकी मदद सम्हलने में
बढ़ा के अपना हाथ करते हैं
सितारे कुछ तो बात करते हैं

राज कोई छुपा तो रक्खा है
मुकद्दर मेरा-तेरा लिक्खा है
उम्र की तख्तियां, कलम लम्हे
नसीबों को दवात करते हैं
सितारे कुछ तो बात करते हैं

जाने क्या मालूमात करते हैं
सितारे कुछ तो बात करते हैं

6 comments:

  1. राज कोई छुपा तो रक्खा है
    मुकद्दर मेरा-तेरा लिक्खा है
    उम्र की तख्तियां, कलम लम्हे
    नसीबों को दवात करते हैं
    सितारे कुछ तो बात करते हैं

    जाने क्या मालूमात करते हैं
    सितारे कुछ तो बात करते हैं
    bahut umda साहिल sahab....

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  2. उम्र की तख्तियां, कलम लम्हे
    नसीबों को दवात करते हैं

    vaah

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  3. हमें अपना वजूद जंचता है
    ज़माने से जुदा सा लगता है...
    .....बहुत ख़ूब !!!

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  4. सराहने के लिए आप सभी का धन्यवाद ..!

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  5. सुंदर रचना के लिए आपको बधाई

    संजय कुमार
    आदत.. मुस्कुराने की
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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  6. Sitare sab hisab rakhte hain...

    gazab hai

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