Tuesday, 19 July 2011

दरिया साहिल तलक नहीं आया


तेरे जाने के बाद चैन मिला
फिर यहाँ कोई भी नहीं आया

तूने जो देख कर नहीं देखा
फिर कोई देखने नहीं आया

उदास, उजड़े मकां-ए-दिल में
फिर कोई भी मकीं नहीं आया

कोई बीता हुआ पैगामे-वफ़ा
खो गया, मुझ तलक नहीं आया

काफ़िले मिहन के चले आये  
क्या हुआ, तू यहाँ नहीं आया

आया तो दूर से ही लौट गया
दरिया साहिल तलक नहीं आया

(19.07.2011)

2 comments:

  1. :) as usual..beautiful..
    " aaya to door se hi laut gaya..
    dariya saahil tak nahi aaya.."... very touching..!

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