Monday, 12 December 2011

अभी वक़्त है, अभी लौट जा

अभी रात पूरी ढली नहीं
अभी बात शहर में चली नहीं
अभी चाँद पे बदली नहीं 
अभी वक़्त है, अभी लौट जा

अभी रास्तों में है ख़ामोशी
अभी धूल है, ना हवा कोई
अभी पैरों का ना निशां कोई 
अभी वक़्त है, अभी लौट जा 

अभी तुमने कुछ भी कहा नहीं
अभी मैंने कुछ भी सुना नहीं
अभी किस्सा कोई बना नहीं
अभी वक़्त है, अभी लौट जा

अभी साथ अपना, एक पल 
अभी संग अपना बेशक़ल
अभी रिश्ते सारे बेदख़ल  
अभी वक़्त है, अभी लौट जा

अभी रुख पे तेरे है रोशनी
अभी साँसों में ख़ुशबू तेरी   
अभी जी कहाँ तूने ज़िन्दगी 
अभी वक़्त है, अभी लौट जा

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