राह में तुम नहीं अगर मिलते
इतना मुश्किल सफ़र नहीं होता
यहाँ इंसान कुछ हैं ऐसे भी
जिनमें दिल-ओ-ज़िगर नहीं होता
पास मंज़िल के पहुँच जाने पर
फ़ासलों का जिकर नहीं होता
वीरानियों की महफ़िल में
तनहा कोई बशर नहीं होता
(16.10.1991)
(16.10.1991)
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