Sunday 15 May 2011

तुम नहीं अगर मिलते

 राह  में  तुम  नहीं  अगर मिलते 
 इतना मुश्किल सफ़र नहीं होता 

 यहाँ   इंसान   कुछ    हैं   ऐसे   भी 
 जिनमें दिल-ओ-ज़िगर नहीं होता 

 पास  मंज़िल  के  पहुँच  जाने पर 
 फ़ासलों  का  जिकर  नहीं    होता 

 वीरानियों   की   महफ़िल   में 
 तनहा  कोई  बशर नहीं  होता


(16.10.1991)

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