सांवली धूप काले बादलों से खेलती होगी
कहानी बन रही होगी
किसी की आँख छिप कर गेसुओं में देखती होगी
कहानी बन रही होगी
झील में कोई कश्ती दिल की मानिंद डोलती होगी
कहानी बन रही होगी
भीगी आँख में शबनम पलक पे झूलती होगी
कहानी बन रही होगी
किसी की आस ढलकर उन खतों में बोलती होगी
कहानी बन रही होगी
कोई उम्मीद मिलने दूर तक अक्सर गयी होगी
कहानी बन रही होगी
विदा करती हथेली धीरे धीरे थक गयी होगी
कहानी ..........
कहानी बन रही होगी
किसी की आँख छिप कर गेसुओं में देखती होगी
कहानी बन रही होगी
झील में कोई कश्ती दिल की मानिंद डोलती होगी
कहानी बन रही होगी
भीगी आँख में शबनम पलक पे झूलती होगी
कहानी बन रही होगी
किसी की आस ढलकर उन खतों में बोलती होगी
कहानी बन रही होगी
कोई उम्मीद मिलने दूर तक अक्सर गयी होगी
कहानी बन रही होगी
विदा करती हथेली धीरे धीरे थक गयी होगी
कहानी ..........
(23.05.11)
विदा करती हथेली धीरे धीरे थक गयी होगी........true for all untold stories, very touching.....
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