उजड़े आशियाँ पे रोयेंगे
खूने-तमन्ना पे रोयेंगे जख्म ऐसे दिल को मिल गए
आज मुंह छुपा के रोयेंगे
आंसुओं की बात आ गयी
आज मुस्कुरा के रोयेंगे
छोडिये जफा की बात को
उनकी हम वफ़ा पे रोयेंगे
दिल ने आज फैसला किया
उनको भी रुला के रोयेंगे
इस जमीं का जिक्र क्या करें
हम तो आसमां पे रोयेंगेपूछिए ना आप क्या हुआ
आप दास्तां पे रोयेंगे
अच्छी अभिव्यक्ति.....
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