नैनीताल के चाहने वालों के लिए ... (college days)
चुपचाप बह रहा है, इस झील का ये पानी, |
इसका न कोई किस्सा, कोई नहीं कहानी |
नन्हें से ये कदम है, स्कूल जा रहे हैं |
कुछ दूर दौड़े-भागे, लो फिर से चल रहे हैं |
सन्डे का आज दिन है, निकले हैं ग्रुप बना के |
नीले, हरे औ भूरे, ब्लेज़र चमक रहे हैं |
नौ बीस बज चुके हैं, अब तो उठ जा साले |
क्लासें तुम्हें मुबारक, भई हम तो सो रहे हैं |
घोड़ों की टप-टपा-टप, जल्दी से खिड़की खोलो |
आहा!! सुबह-सुबह ही टूरिस्ट आ रहे हैं |
अब शाम हो रही है, है माल रोड जाना |
तल्ली से मल्ली जाके, क्या दिन गुजर रहे हैं |
नावें थिरक रहीं हैं, किश्ती मचल रहीं हैं |
बच्चे, जवान, बूढ़े, पानी छपक रहे हैं |
हाथों में हाथ थामे, टूरिस्ट मॉल पर हैं |
उल्फत वही पुरानी, चेहरे बदल रहे हैं |
एसआर-केपी-लंघम, मक्का भी और मदीना |
हाजी नए-नए हैं, हज कर के आ रहे हैं |
हनुमान जी भला हो, अपने इसी बहाने |
मंगल के दिन तो देखो अच्छे ही कट रहे हैं |
रिश्ते बदल रहे हैं, यारी बदल रही है |
नेतागिरी के जज्बे उठ-उठ के छा रहे हैं |
लेना न एक देना, हल्ला मचा रहे हैं |
किस-किस का टेम्पो ऊंचा, ये कर के आ रहे हैं |
अब बर्फ गिर गयी है, बत्ती है और न पानी |
पूछो न टॉयलेट के, क्या हाल चल रहे हैं |
दाढी बता रही है, टेंशन बढ़ी हुई है |
दिखता नहीं क्या तुमको? एक्जाम आ रहे हैं |
इंग्लिश की गाईड यारों, हिंदी में तुम दिला दो |
वर्ना तो फेलियर के आसार दिख रहे हैं |
And these are some other memories ……. |
मंदिर के पास गहरे, पानी में कोई डूबा |
एक्जाम के नतीजे, कैसे निकल रहे हैं |
अब थक चुके कदम है, चढ़ते हैं धीरे-धीरे |
ढलती उमर है उन की, वो घर को जा रहे हैं |
बस धूप तापते हैं, बेटा हैं संग न बेटी |
आते नहीं हैं मिलने, करीयर बना रहे हैं |
होटल नए बने हैं, कुछ पेड़ तो कटे हैं |
अपनी जड़ें मिटा कर, किस को बुला रहे हैं |
चुपचाप बह रहा है, इस झील का ये पानी, |
इसका न कोई किस्सा, कोई नहीं कहानी |