दास्ताने-ग़म हमारी क्या करोगे जान कर
भीगी आँखों की कहानी, क्या करोगे जान कर
रात भर दिल की ज़मीं को प्यार से छूता रहा
कौन सी शबनम का पानी, क्या करोगे जान कर
सांस टूटेगी मेरी तो टूट कर रह जाएँगी
कितनी उम्मीदें पुरानी, क्या करोगे जान कर
डूब कर इक बार जिनमें हम न साहिल पा सके
ऐसी मौज़ों की रवानी, क्या करोगे जान कर
(16.07.2000)
भीगी आँखों की कहानी, क्या करोगे जान कर
रात भर दिल की ज़मीं को प्यार से छूता रहा
कौन सी शबनम का पानी, क्या करोगे जान कर
सांस टूटेगी मेरी तो टूट कर रह जाएँगी
कितनी उम्मीदें पुरानी, क्या करोगे जान कर
डूब कर इक बार जिनमें हम न साहिल पा सके
ऐसी मौज़ों की रवानी, क्या करोगे जान कर
(16.07.2000)
No comments:
Post a Comment