मैं पिछड़े मोड़ पर ही खुद को छोड़ आया था
जो साथ चल रहा था, सिर्फ तेरा साया था
न रास्ता, कोई मंजिल, न रोशनी, न चिराग
मुझे यहाँ तो तेरा प्यार खींच लाया था
तमाम रिश्तों की चादर पहन के सोया था
किसी की अजनबी आवाज ने जगाया था
मेरे लबों को वो नगमा कभी न भूलेगा
सफ़र में साथ जिसे हमने गुनगुनाया था
(03.07.2000)
जो साथ चल रहा था, सिर्फ तेरा साया था
न रास्ता, कोई मंजिल, न रोशनी, न चिराग
मुझे यहाँ तो तेरा प्यार खींच लाया था
तमाम रिश्तों की चादर पहन के सोया था
किसी की अजनबी आवाज ने जगाया था
मेरे लबों को वो नगमा कभी न भूलेगा
सफ़र में साथ जिसे हमने गुनगुनाया था
(03.07.2000)
wow..so touching.. the sweetest songs are those that we have hummed together
ReplyDeletesimply beautiful....
ReplyDeleteमैं पिछड़े मोड़ पर ही खुद को छोड़ आया था
ReplyDeleteजो साथ चल रहा था, सिर्फ तेरा साया था
ultimate